लेखनी कविता -बात सीधी थी पर - कुंवर नारायण

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बात सीधी थी पर / कुंवर नारायण बात सीधी थी पर एक बार भाषा के चक्कर में ज़रा टेढ़ी फँस गई । उसे पाने की कोशिश में भाषा को उलटा पलटा ...

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